मोटी खाल

कुछ सवाल हैं जो इंसान अनजाने में पूछ लेता है।
सवाल पूछते समय उसे खुद पता नही होता कि वो कितना क्रूर सवाल पूछ रहा है- जैसे, अभी और कितने दिन निकाल लेंगी।
डाॅक्टर लोग आदी होते हैं घटिया सवालों के जवाब टालने में। वे शालीनता का आवरण ओढ़ने को मजबूर हैं , चाहकर भी वो अगले का गिरेबान पकड़ कर झिंझोड़ नही सकते। उनको भीरू, तटस्थ, शांत, शालीन, संयमित और दिशाहीन जवाब देना सीनियर्स को देखकर धीरे धीरे आ जाता है।
आपने कड़वा बोला और पूरा परिवार आपके पास आना बंद कर देगा। वो चार जगह मौका मिलते ही आपकी डिग्री और कुशलता पर सवाल खड़े करके सबके बीच आपकी ईमेज को चोट पहुंचायेगा। लोग ऐसी बातों में रस पाते हैं। उस डाक्टर को कुछ नही पता, उसका केस बिगाड़ दिया, लाखों खर्च करवा दिये,अनाप शनाप टेस्ट करवा दिये, रात तीन बजे फोन नही उठाया, वकेशन मनाने चला गया और हम दस्त से परेशान रहे यहाँ।
रोज लाखों कमाता है और रात ग्यारह बजे तक मरीज़ देखता है लालची।
पार्टी बीच में छोड़कर अस्पताल भागा चला गया लालची।
फीस नही ली इस बार लालची ने।
फोन नही उठाता लालची हमें छींक पे छींक आ रही थी, बीस मिनट बाद काॅल बैक किया, कुछ हो जाता तो।
देखा नही कितने जवान लोग जिम में मर रहे हैं और हमें वजन कम करने को बोलता है।

आपमें मिठास होनी जरूरी है, आपकी खाल भी थिक हो तो अच्छा है। आप हँसी मजाक मत करना, लोग व्यंग नही समझते। आप बस सीधा सपाट बोलो और वो शब्द  बोलो जो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने दोहरा सको।

इतिहास गवाह है कि बरसों आयुर्वेद या होमोपैथी या नैचुरोपैथी का इलाज करा कर भी कोई कानून का दरवाजा नही खटखटाता, कि आर्थराइटिस से ऊंगलियां टेढ़ी हो गई हैं और अब हालत खराब है।
आपकी पहली गोली से दर्द दूर नही हुआ तो आपको अंतरिक्ष से गालियाँ अपने उपर गिरती महसूस होंगी।
आप महाठग हो, दर्द अभी भी है, खा तो ली गोली।
तो भई आप देना चाहते थे दिन में चार बार, पर शकल देखकर गोली केवल दो बार लेने को बोला और वो भी कम पावर की। अब यह है एलौपैथिक दवा, इसके साईड इफेक्ट बहुत हैं और गंभीर भी,जैसा कि गूगल पर लिखा है। गूगल पर सब सच है सो अम्मा को आधी गोली ही देने का इरादा है ज्ञानी तीमारदार का।

अगर सुबह की आधी डोज से दोपहर असर आया तो ठीक ,वरना किसी दूसरे डाॅक्टर से सलाह लेंगे,भतेरे हैं  शहर भर में। कुछ ऊँच नीच हो गया तो बहुत बुरा होगा। 

हे भगवान, स्टीरॉयड भी लिखा है, न न, इससे हड्डी गल जायेगी शरोर खोखला हो जायेगा, यह जहर है जहर। हम अपनी अम्मा को जहर नही देंगे, वो दर्द बर्दाश्त कर लेंगी, बहुत मजबूत हैं वो।

    फिर भी अगर डाॅक्टर बता दे कि अभी और कितने दिन निकाल लेंगी तो हम बाकी इंतजाम करके रखें। अच्छा, यह जो रात में  नींद आने की गोली लिखी है इससे कुछ अनहोनी तो नही हो जायेगी? दो एक दिन सुबह खिला के देख लेते हैं। जहाँ रात में सोना, वहीं दिन में सोना, वैसे भी इनको रात भर जागने की आदत है। दूसरे रे में  बच्चे दो बजे तक पढ़ रहे होते हैं, कोई दिक्कत की बात नहीं। 

महोदय, किसी के जीवन के बचे दिन बताना कोई ज्योतिष ही कर सकता है, डाॅक्टर नहीं।
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